Archana Tiwary

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ये जिंदगी

ए जिंदगी

इस बेवफा जिंदगी से जब थक जाएंगे 
    तेरी बाहों में आकर सो जाएंगे 
रिश्तों की भीड़ में हो जाते अक्सर अकेले     फिर भी रिश्तो को न तोड़ा हमने 
चालाकियां समझ आती रही
  नासमझ होने का अभिनय किया हमने
कभी वक्त से आंखें चुराई नहीं 
 आंधी तूफान को हंसकर झेला हमने          शीतल चांदनी भी जलाती रही 
       काली स्याह रातें डराती रही 
    चिरागों को हथेली पर रख 
      बीहड़ में रास्ता खुद बनाया हमने
अर्चना तिवारी

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7 Comments

Swati chourasia

20-Apr-2022 04:25 PM

Nice 👌

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Renu

20-Apr-2022 06:08 AM

Nice

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Rohan Nanda

19-Apr-2022 10:10 PM

👍👍

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